18 February, 2025
आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की बैठक
Sat 06 Apr, 2024
सन्दर्भ
- मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने हाल ही में हुई तीन दिवसीय बैठक में मौजूदा स्थिति पर गौर करते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत प्लस-माइनस के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
- रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। उससे पहले मई, 2022 से लगातार छह बार में नीतिगत दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।
- इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है और बैंक रेट 6.75 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
- गौरतलब है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने 5:1 बहुमत से नीतिगत दर पर फैसला लिया।
- इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।
- वहीं खुदरा मुद्रास्फीति के 2024-25 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
बैठक के दौरान व्यक्त की गईं अन्य महत्वपूर्ण बातें
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर आ गया है।
- कोर महंगाई दर में कमी देखने को मिली है लेकिन ये आरबीआई के तय लक्ष्य 4 फीसदी से ऊपर है।
- अर्थव्यवस्था के हित में ये जरूरी है कि सीपीआई यानी कोर प्राइस इंफ्लेशन को तय दायरे में लाया जाए।
- वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव, व्यापारिक मार्ग पर बाधाओं से चिंता बनी हुई है।
- वित्त वर्ष 2025 की चारों तिमाही में जीडीपी के लिए 7 फीसदी या इससे ज्यादा दर का लक्ष्य तय किया गया है। केवल दूसरी तिमाही में 6.9 फीसदी का टार्गेट तय किया गया है।
- देश में सरकारी सिक्योरिटीज, गवर्नमेंट बॉन्ड्स में तेजी से निवेश बढ़ रहा है।
- खाद्य महंगाई दर में लगातार उतार-चढ़ाव बरकरार है लेकिन वित्त वर्ष 2025 के दूसरी तिमाही में ये आरबीआई के तय लक्ष्य 4 फीसदी के भीतर आने और 3.8 फीसदी पर रहने का अनुमान है।
मौद्रिक नीति क्यों आवश्यक है ?
- मौद्रिक नीति रिपोर्ट आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा जारी की जाती है।
- मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना है क्योंकि मूल्य स्थिरता आर्थिक विकास के लिए एक मौलिक और प्राथमिक शर्त है।
मौद्रिक नीति समिति
- वर्ष 2016 में मौद्रिक नीति समिति की स्थापना की गई थी
- मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में छह सदस्य हैं, जिनमें से तीन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से हैं और अन्य तीन प्रख्यात अर्थशास्त्री हैं।
- RBI के सदस्य शक्तिकांत दास (RBI के गवर्नर), डॉ. माइकल देबब्रत पात्रा (RBI के डिप्टी गवर्नर), और राजीव रंजन (RBI के कार्यकारी निदेशक) हैं।
- प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. जयंती वर्मा, डॉ. आशिमा गोयल और डॉ. शशांक भिड़े हैं।
- आरबीआई अधिनियम के अनुसार, एमपीसी को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम चार बार बैठक करना आवश्यक है। एमपीसी का अध्यक्ष आरबीआई गवर्नर होता है।
परीक्षापयोगी तथ्य
- रेपो रेट : वह दर जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक ( भारत के लिये RBI) धन की कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है।