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सिकल सेल डिजीज

Sat 30 Mar, 2024

सन्दर्भ

  • हाल ही में देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सिकल सेल बीमारी की रोकथाम के लिए एक दवा की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु

  • ये दवा एकम्स दवा कंपनी ने बनाई है जिसका नाम हाइड्रोक्सीयूरिया ओरल सस्पेंशन है जो सिकल सेल रोग के लिए भारत की पहली रूम टेम्प स्थिर दवा है।
  • ये बीमारी लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन पर प्रभाव डालती है जो शरीर में ऑक्सिजन ले जाने का काम करता है । लेकिन इसके सही से काम न करने पर बीमारियां होने और मौत होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • हर व्यक्ति के रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं जो आकार में गोल, लचीली और नर्म होती हैं। लेकिन जब ये बीमारी होती है तो वो अंग्रेज़ी के अक्षर सी का आकार ले लेती है और वो धमनियों में अवरोध पैदा करती है।
  • इसके बाद सिकल सेल खत्म होने लगते हैं जिससे लाल रक्त कोशिकाएं कम होने लगती हैं और उसका असर शरीर को मिलने वाले ऑक्सीजन पर पड़ता है। वहीं, भारत के आदिवासी बहुल इलाकों में लोग ज्यादा इस बीमारी से पीड़ित होते हैं। 
  • कई शोधों में ये भी पाया गया है सिकल सेल एनीमिया के मामले उन रिहायशी इलाको में अधिक हैं जहां मलेरिया की समस्या रही है।

सिकल सेल रोग 

  • SCD वंशानुगत लाल रक्त कोशिका विकारों का एक समूह है। इस रोग में हीमोग्लोबिन में विसंगति उत्पन्न हो जाती है, हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन का परिवहन करता है। 
  • SCD में लाल रक्त कोशिकाएँ कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं तथा C-आकार के कृषि उपकरण की तरह दिखती हैं जिसे "सिकल" कहा जाता है।
  • यह रोग रोगी के पूरे जीवन को प्रभावित करता है। 
  • यह न केवल एनीमिया का कारण बनता है बल्कि दर्द, विकास में कमी और फेफड़े, हृदय, गुर्दे, आंखों, हड्डियों और मस्तिष्क जैसे कई अंगों को प्रभावित करती है।

सिकल सेल रोग के लक्षण 

  • यह शरीर में थकान, कमज़ोरी और पीलेपन का कारण बनता है।
  • यह हड्डियों, छाती, पीठ, हाथ एवं पैरों में अचानक असहनीय दर्द उत्पन्न कर सकता है।
  • यौवन व शारीरिक विकास में विलंब।

 उपचार

  • रक्ताधान: ये एनीमिया से छुटकारा पाने और तीव्र दर्द के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • हाइड्रॉक्सीयूरिया: यह दवा दर्द की निरंतरता की आवृत्ति को कम करने और बीमारी की दीर्घकालिक जटिलताओं को नियंत्रित करने में सहायता कर सकती है।
  • इसका इलाज अस्थि मज्जा या स्टेम सेल प्रत्यारोपण द्वारा भी किया जा सकता है।

SCD से निपटने के लिये सरकारी पहल

  • सरकार ने 2016 में सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिये तकनीकी परिचालन दिशानिर्देश जारी किये।
  • बीमारी की जाँच और प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिये मध्य प्रदेश में राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन की स्थापना की गई है।
  • एनीमिया मुक्त भारत पहल । 

 वर्ष 2047 तक उन्मूलन की रणनीति

  • प्रथाओं में बदलाव और स्क्रीनिंग के माध्यम से बीमारी की जल्दी पहचान करना।
  • बीमारी से पीड़ितों या वाहकों के बीच वैवाहिक संबंध रोकना जिससे संतान पीड़ित न हो।
  • इस बीमारी से पीड़ित रोगियों की अन्य बीमारियों का उपचार।
  • जांच सुविधाओं का विकास एवं विस्तार, जिससे बीमारी का पता जल्दी चल सके।
  • रोगियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ना।
  • आदिवासी क्षेत्र के विद्यालयों में विद्यार्थियों से बातचीत एवं परामर्श

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 

  • मध्यप्रदेश एक आदर्श के रूप में 
  • मुख्य रूप से आदिवासियों में पाई जाने वाली सिकल सेल एनीमिया बीमारी के उन्मूलन कार्यक्रम में मध्य प्रदेश कई मामलों में देशभर के लिए आदर्श बना है।
  • यहां किए गए प्रयोगों को दूसरे राज्य भी अपना चुके हैं, इनमें जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड भी शामिल है।
  • यहां बनाए गए पोर्टल का उपयोग भी अब पूरे देश में हो रहा है।
  • मध्य प्रदेश में अभी तक 29 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है, जिनमें 12 हजार पाजिटिव और 50 हजार से अधिक वाहक मिल चुके हैं। 
  • इतनी बड़े स्तर पर स्क्रीनिंग के मामले में भी मप्र देश में पहले नंबर पर है। 
  • तीन वर्ष के भीतर 40 वर्ष से कम उम्र के सभी लोग, गर्भवती महिलाएं और बीमारी से पीड़ित परिवार के सदस्यों का परीक्षण किया जाना है। इनकी संख्या लगभग सवा करोड़ है।
  • गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर से वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का संकल्प लेते हुए एक जुलाई 2023 को मध्य प्रदेश के शहडोल से मिशन का शुभांरभ किया था। 
  • अब आदिवासी बहुल सभी राज्य इसमें जुट गए हैँ।

परीक्षापयोगी तथ्य

  • नोट -प्रति वर्ष 19 जून को वर्ल्ड सिकल सेल अवेयरनेस डे मनाया जाता है।

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