28 May, 2025
‛पुष्पक विमान ’
Sat 23 Mar, 2024
सन्दर्भ
- हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो ने कर्नाटक में चित्रदुर्ग परीक्षण रेंज पर अपने ‘रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल’ पुष्पक विमान की सफलतापूर्वक लैंडिंग की।
प्रमुख बिंदु
- इस ‘पुष्पक’ विमान को वायुसेना के हेलीकॉप्टर चिनूक से 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया था ।
- इसरो ने अंतरिक्षयान आरएलवी-एलईएक्स-02 की सफल लैंडिंग के साथ नेविगेशन, नियंत्रण प्रणाली, लैंडिंग गियर और गति को कम करने वाली प्रणालियों के क्षेत्र में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को एक बार फिर से स्थापित किया है।
- आरएलवी ने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम की मदद से सफल लैंडिंग की।
- यह अंतरिक्ष यान के पूरी तरह से ऑटोमेटिक मोड में संचालित किया गया था।
- गौरतलब है कि इसरो ने इस विमान के माध्यम से रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल लैंडिंग प्रयोग में एक और बड़ी सफलता अर्जित की है। अब इसे पृथ्वी पर पुनः लाकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है।
- इससे पहले RLV का 2016 और 2023 में लैंडिंग परीक्षण किया जा चुका है।
- स्लीक बॉडी और एसयूवी के आकार वाले विंग्ड रॉकेट को पुष्पक विमान नाम दिया गया है। इसका वजन करीब 1.75 टन है।
- पुष्पक अधिक जटिल परिस्थितियों में रोबोटिक लैंडिंग में मदद कर सकता है।
सम्बन्धित संस्थान
- इस मिशन को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) ने तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) और इसरो जड़त्व प्रणाली इकाई (आईआईएसयू) के साथ पूरा किया था।
- पुष्पक विमान मिशन की टीम का मार्गदर्शन सुनील पी, कार्यक्रम निदेशक, उन्नत प्रौद्योगिकी और सिस्टम कार्यक्रम, वीएसएससी ने किया।
लाभ
- यह स्पेस में बढ़ रहे मलबे को कम करने की दिशा में भारत का प्रयास है ।
- इसके अलावा यह भारत का फ्यूचरिस्टिक रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल है।
- पुष्पक (RLV-रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ) तकनीक से अंतरिक्ष में उपग्रह पहुंचाने की लागत में काफी कमी आएगी।
- इसके अलावा यह व्हीकल अधिक कठिन युद्धाभ्यास करने तथा पूरी तरह से ऑटोनोमस मोड में रनवे पर उतरने में सक्षम होगा ।
परीक्षापयोगी तथ्य
इसरो
- संस्थापक: विक्रम साराभाई
- मुख्यालय: बेंगलुरू, कर्नाटक
- वर्तमान अध्यक्ष: श्री एस. सोमनाथ
अंतरिक्ष केंद्र और इकाइयां
- विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र - तिरुवनंतपुरम
- इसरो उपग्रह केंद्र - बेंगलुरु
- अंतरिक्ष उपयोग केंद्र- अहमदाबाद
- सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र-श्री हरिकोटा
नोट - इसरो ने वर्ष 2035 तक अंतरिक्ष में स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है।