20 November, 2024
विश्व जल विकास रिपोर्ट 2024
Fri 22 Mar, 2024
सन्दर्भ
- हाल ही में विश्व जल दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र ने 'वर्ल्ड वाटर डेवलपमेंट रिपोर्ट 2024' जारी किया ।
प्रमुख बिंदु
- यह रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि एक तरफ इस अमूल्य संसाधन का सतत और निष्पक्ष प्रबंधन शांति और समृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं ।
- वहीं दूसरी तरफ गहराते जलवायु संकट के कारण जल संसाधनों पर बढ़ता दबाव संघर्ष की वजह बन सकता है।
- इस रिपोर्ट का शीर्षक भी जल प्रबंधन, समृद्धि और शांति के बीच के इस महत्वपूर्ण संबंध को उजागर करता है।
- इसके अलावा यह रिपोर्ट बुनियादी मानवीय जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ स्वास्थ्य, जीविका, आर्थिक विकास, खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण का समर्थन करके समृद्धि को बढ़ावा देने में पानी की भूमिका पर प्रकाश डालती है।
- ऐसे में सबकी समृद्धि और शांति की गारंटी के लिए एक सुरक्षित और निष्पक्ष जल भविष्य का विकास और उसे कायम रखना आवश्यक है।
- हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गरीबी, असमानता और विभिन्न प्रकार के संघर्ष जल असुरक्षा को बढ़ा सकते हैं।
- रिपोर्ट दुनिया में वर्तमान समय में पानी की स्थिति को लेकर चिंताजनक आंकड़े पेश करती है।
- वर्तमान में पानी तक पहुंच को लेकर विवाद आवश्यक संसाधनों की कमी और तनाव को जन्म दे रहा है, जिससे विश्व भर में संघर्ष बढ़ रहे हैं।
- ताजे पानी की मांग वार्षिक तौर पर लगभग एक फीसदी की दर से बढ़ रही है।
- सबसे कमजोर देशों में, 80 फीसदी जीविका पानी पर निर्भर हैं, जबकि अमीर देशों में यह आंकड़ा 50 फीसदी है। जो पानी पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है।
- रिपोर्ट के अनुसार, जहां वर्तमान समय में 220 करोड़ लोग स्वच्छ और सुरक्षित तौर पर प्रबंधित पानी की पहुंच से दूर हैं। वहीं 350 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास उचित स्वच्छता सुविधाओं का अभाव है।
- इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी उल्लिखित है कि पानी की कमी वैश्विक स्तर पर प्रवासन में 10 फीसदी की वृद्धि से जुड़ी हो सकती है।
चुनौतियाँ
- गौरतलब है कि वर्तमान में सीमा पार नदियों, झीलों और जलभृतों को साझा करने वाले 153 देशों में से महज 32 के पास 90 फीसदी या अधिक साझा जल को कवर करने के लिए परिचालन व्यवस्था है।
- अफ्रीका में अन्य महाद्वीपों की तुलना में सीमा पार बेसिनों का प्रतिशत सबसे अधिक है, जो महाद्वीप के करीब 64 फीसदी हिस्से को कवर करता है।
- इसके बावजूद, अफ्रीका में मैप किए गए 72 ट्रांसबाउंड्री जलभृतों में से केवल सात पर सहयोग समझौतों को औपचारिक रूप दिया है।
- पिछले 60 वर्षों में, पश्चिम-मध्य अफ्रीका में स्थित चाड झील का आकार 90 फीसदी घट गया है, जिससे कैमरून, चाड, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, लीबिया, नाइजर और नाइजीरिया जैसे आस-पास के देशों के लिए आर्थिक और सुरक्षा संबंधी चुनौतियां पैदा हो गई हैं।
रिपोर्ट में प्रस्तुत कुछ सकारात्मक उदाहरण
- इस रिपोर्ट में एक सकारात्मक उदाहरण के रूप में दक्षिणपूर्वी यूरोप में सावा नदी बेसिन पर हुए फ्रेमवर्क समझौते पर भी प्रकाश डाला गया है।
- इस समझौते पर बोस्निया और हर्जेगोविना, क्रोएशिया, सर्बिया और स्लोवेनिया ने 2002 में हस्ताक्षर किए थे।
- यह 1990 के दशक में बोस्नियाई युद्ध से अलग हुए क्षेत्र में भू-राजनीतिक समन्वय, संघर्ष प्रबंधन और स्थिरता को बढ़ावा देने के उदाहरण के रूप में कार्य करता है।
- इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लेक चाड बेसिन आयोग ने कुशल जल उपयोग को सुनिश्चित करने के प्रयास किए हैं।
- इन प्रयासों का उद्देश्य स्थानीय विकास का समन्वय और सम्बंधित देशों और स्थानीय समुदायों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों रोकना है।
- रिपोर्ट में दिए यह उदाहरण दिखाते हैं कि कैसे पानी के साथ समृद्धि को बढ़ावा देने से शांतिपूर्ण परिणामों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
इस समस्या से निपटने के उपाय
- गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर 300 करोड़ से ज्यादा लोग सीमाओं के परे बहने वाले जल पर निर्भर हैं।
- वहीं जनसंख्या वृद्धि, पानी की बढ़ती मांग, पारिस्थितिकी तंत्र को होता नुकसान और जलवायु परिवर्तन के कारण इस जल पर दबाव बढ़ रहा है।
- रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पार बहती नदियों, झीलों और जलभरों पर बहुपक्षीय सहयोग से कई आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और राजनीतिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं।जो कालांतर में स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर समृद्धि और शांति को बढ़ावा देने में सक्षम हो सकेंगे ।
परीक्षापयोगी तथ्य
विश्व जल दिवस
- प्रतिवर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है।
- थीम 2024 -‛शांति के लिए जल’
- सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने 1992 में इस प्रस्ताव को अपनाया और प्रति वर्ष 22 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ मनाए जाए की घोषणा की।
- पहली बार वर्ष 1993 में ‘विश्व जल दिवस’ मनाया गया।