आईक्यूएयर वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2023
 
  • Mobile Menu
HOME
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




आईक्यूएयर वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2023

Tue 19 Mar, 2024

सन्दर्भ

  • स्विस ऑर्गेनाइजेशन IQ एयर की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2023 के अनुसार, बांग्लादेश दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित वायु वाला देश रहा। 134 देशों की इस सूची में पाकिस्तान दूसरे स्थान पर है।
  • वहीं भारत का स्थान तीसरा है । 

पृष्ठभूमि

  • गौरतलब है कि वर्ष 2022 में प्रदूषित वायु वाले देशों की सूची में भारत आठवें स्थान पर था।

प्रमुख बिंदु

  • IQ एयर ने इस वर्ष का डेटा 30,000 से ज्यादा वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों और रिसर्च संस्थानों, विश्वविद्यालयों और सरकारी एजेंसियों के डेटा को इकट्ठा करके जारी किया किया गया है।
  • हाल ही में जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, 134 देशों की राजधानियों में तुलना करने पर नई दिल्ली सबसे खराब हवा वाली राजधानी रही। वहीं बिहार का बेगूसराय दुनिया का सबसे प्रदूषित महानगर है। 
  • इस रिपोर्ट में PM 2.5 कणों के आधार पर देशों, राजधानियों तथा शहरों की रैंकिंग की गई है। 
  • इसके अनुसार, भारत में 1.33 अरब यानी 96% लोग ऐसी हवा में रहते हैं, जिसमें PM 2.5 का स्तर WHO के एनुअल स्टैंडर्ड से 7 गुना अधिक है। 
  • वहीं देश के 66% शहरों में एनुअल PM 2.5 का स्तर 35 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक रहा।
  • गौरतलब है कि भारत में पिछले वर्ष PM 2.5 का औसत स्तर 1 क्यूबिक मीटर में 54.4 माइक्रोग्राम रहा। यह WHO के पैमाने से 10 गुना ज्यादा था।
  • WHO के अनुसार, विश्व में प्रति वर्ष प्रदूषित हवा की वजह से 70 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। 
  • वहीं मृतकों में प्रति 9 व्यतियों में से 1 की मौत खराब हवा के कारण हो रही है।

पीएम 2.5 कण के बारे में

  • यह एक तरह का पार्टिकुलेट मैटर होता है, जिसका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। यह बेहद छोटे कण होते हैं, जो हवा की गुणवत्ता को खराब करते हैं। 
  •  ये वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण होते हैं, जो नग्न आंखों से दिखाई नहीं देते। 
  • कुछ कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल करके पता लगाया जा सकता है।
  • PM 2.5 के संपर्क में आने से कई बीमारियां हो सकती हैं। इनमें अस्थमा, कैंसर, स्ट्रोक और फेफड़ों की बीमारी शामिल है। 
  • वहीं इन सूक्ष्म कणों के ऊंचे स्तर के संपर्क में आने से बच्चों की ग्रोथ पर बुरा असर पड़ता है। उनमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये भारत द्वारा किये गए प्रयास

  • वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली (SAFAR)
  • वायु गुणवत्ता सूचकांक
  • इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिये समस्या
  • वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग

Latest Courses