20 November, 2024
नई टोल संग्रहण प्रणाली
Mon 11 Mar, 2024
- हाल ही में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद को सूचित किया कि सरकार वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (Global navigation satellite system) पर आधारित ‘नई राजमार्ग टोल संग्रह प्रणाली” लागू करने की योजना बना रही है ताकि उपयोगकर्ताओं को राजमार्ग पर यात्रा की गई वास्तविक दूरी के लिए टोल का भुगतान करने का लाभ मिल सके और बाधा मुक्त आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सके।
पृष्ठभूमि
- वर्तमान में, राजमार्ग टोल संग्रह प्रणाली में टोल संग्रह एकत्रण हेतु FASTag का प्रयोग किया जाता है।
- वाहनों में प्रयुक्त FASTag, टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करता है।
- जनवरी 2024 में, NHAI ने 'एक वाहन, एक FASTag' पहल शुरू की, जिसका उद्देश्य कई वाहनों के लिए एक ही FASTag का उपयोग को बंद करना था।
- वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली शब्द का प्रयोग संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (Global Positioning System :GPS) सहित किसी भी उपग्रह-आधारित नेविगेशन प्रणाली को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
प्रस्तावित प्रणाली की प्रमुख विशेषताएं
- कार्यान्वयन में वाहन के अंदर फिट एक ऑन-बोर्ड यूनिट (On-Board Unit:OBU), या एक ट्रैकिंग डिवाइस शामिल होगी, जिसको भारतीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली, GAGAN के प्रयोग द्वारा लगभग 10 मीटर की सटीकता के साथ चिन्हित किया जा सकता है।
- देश के राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्देशांक को डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग की मदद से लॉग इन करना होगा, और किसी विशेष राजमार्ग पर टोल दर निर्धारित करने के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा, जिसके अनुसार वाहन के लिए टोल राशि की गणना की जाएगी और तय की गई दूरी को OBU से जुड़े वॉलेट से काट लिया जायेगा।
- सिस्टम में कार्यान्वयन उद्देश्यों के लिए राजमार्ग पर विभिन्न बिंदुओं पर अतिरिक्त रूप से सीसीटीवी कैमरों के साथ गैन्ट्री लगे होंगे।
- ये वाहन की उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट की एक छवि कैप्चर करेंगे और सत्यापित करेंगे कि क्या उपयोगकर्ता ट्रैकिंग डिवाइस को हटाकर या ओबीयू ऑनबोर्ड के बिना यात्रा कर रहा है।
- नई टोलिंग प्रणाली FASTag-आधारित टोल संग्रह के साथ सह-अस्तित्व में होगी क्योंकि सरकार ने अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया है कि OBU को सभी वाहनों के लिए अनिवार्य किया जाएगा या केवल नए वाहनों के लिए।
चुनौतियां
- यदि कोई सड़क उपयोगकर्ता राजमार्ग पर यात्रा पूरी करने के बाद अपना भुगतान चुकाने में विफल रहता है तो टोल राशि वसूल करना एक चुनौती होगी।
- देश में उल्लंघनों को पकड़ने के लिए गैन्ट्री-माउंटेड ऑटोमैटिक नंबर-प्लेट रिकग्निशन (Automatic Number-Plate Recognition : ANPR) आधारित सिस्टम से संबंधित बुनियादी ढांचे की कमी।
- वाहन उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता की की सुरक्षा और राज्य प्रायोजित निगरानी में बढ़ोत्तरी भी इस प्रणाली की चुनौतियों में से एक है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)
- गठन: 1988
- प्रशासनिक नियंत्रण: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय
भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या निर्धारण
- विषम संख्याएँ: उत्तर-दक्षिण राजमार्गों को निर्दिष्ट
- सम संख्याएँ: पूर्व-पश्चिम राजमार्गों को दी गई हैं
- स्वर्णिम चतुर्भुज: "5" पर समाप्त होने वाली संख्याएँ रखता है और प्रमुख शहरों को जोड़ता है
- उत्तर-पूर्व राजमार्ग: 100 के दशक में क्रमांकित
- वृत्ताकार और रेडियल मार्ग: 200 के दशक में क्रमांकित
- फीडर मार्ग: 300 के दशक में क्रमांकित
- सीमा सड़कें: 400 के दशक में क्रमांकित
- पूर्व-पश्चिम गलियारे: 500 के दशक में क्रमांकित
- उत्तर-दक्षिण गलियारे: 600 के क्रमांकित
- विशेष राजमार्ग: इनके महत्व या विशिष्ट उद्देश्य के आधार पर अद्वितीय संख्याएँ
परीक्षा विशेष