12 November, 2024
स्वीडन नाटो का 32वां सदस्य बना
Sat 09 Mar, 2024
सन्दर्भ
- लगभग 200 वर्षों ज्यादा समय तक गुट निरपेक्ष रहा स्वीडन नाटो का 32वां सदस्य देश बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- स्वीडन को भी अब अनुच्छेद 5 के तहत सुरक्षा की गारंटी प्राप्त होगी।
- स्वीडन सरकार की एक विशेष बैठक के बाद स्वीडन के नाटो में शामिल होने का एलान किया गया।
- स्वीडन के नाटो का सदस्य बनने के बाद अब ब्रुसेल्स में नाटो मुख्यालय के बाहर इसका झंडा लगाया जाएगा ।
- रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूस के पड़ोसी देश स्वीडन और फिनलैंड नाटो का सदस्य बनने का प्रयास कर रहे थे। फिनलैंड बीते साल नाटो का सदस्य बन गया और अब स्वीडन का भी नाटो में प्रवेश हो गया है। इसका अर्थ ये हुआ कि रूस को छोड़कर बाल्टिक सागर से घिरे सारे देश अब नाटो का हिस्सा बन गए हैं।
- फलस्वरूप रूस ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर कहा है कि यदि स्वीडन में नाटो के सैनिकों की तैनाती होती है तो रूस भी इसके खिलाफ कदम उठाएगा।
नाटो में हाल ही में शामिल होने वाले देश
- उत्तरी मैसेडोनिया 30वें सदस्य के रूप में वर्ष 2020 में गठबंधन में शामिल हुआ।
- फ़िनलैंड 31वें सदस्य के रूप में वर्ष 2023 में गठबंधन में शामिल हुआ।
- स्वीडन 32वें सदस्य के रूप में 7 मार्च 2024 को गठबंधन में शामिल हुआ।
परीक्षापयोगी तथ्य
नॉर्थ अटलांटिक संधि संगठन
- गठन : 1949
- तत्कालीन सदस्य: अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस सहित 12 देश थे।
- वर्तमान सदस्य संख्या:32
- वर्तमान सदस्य :अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन और तुर्किए, अल्बानिया, बुल्गारिया, हंगरी, पोलैंड, द चेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, पुर्तगाल, नॉर्वे, नॉर्थ मैसेडोनिया, नीदरलैंड्स, मोनटेग्रो, लक्जमबर्ग, आइसलैंड, ग्रीस, डेनमार्क, क्रोएशिया, बेल्जियम, रोमानिया, लिथुआनिया, लातविया, एस्टोनिया के साथ अब फिनलैंड और स्वीडन ।
- उद्देश्य: सोवियत संघ के विस्तार को रोकना है।
- सुरक्षा सिद्धान्त: नाटो के किसी भी सदस्य पर हमला सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा।
- मुख्यालय: ब्रुसेल्स
- आधिकारिक भाषा: अंग्रेजी और फ्रांसीसी
- महासचिव: जेन्स स्टोल्टेनबर्ग
- सैन्य समिति के अध्यक्ष: गियामपाओलो दी पाओला