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गर्भपात का अधिकार

Tue 05 Mar, 2024

सन्दर्भ

  • हाल ही में फ्रांस की सीनेट ने  गर्भपात के अधिकार को संविधान में शामिल करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। 
  • विधेयक के पक्ष में 267 और विपक्ष में 50 वोट वोट पड़े।
  • फ्रांस के निचले सदन में ये पहले से पारित हो चुका है।  अब इसे संयुक्त सत्र में पेश किया जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद ये कानून बन जाएगा। 

प्रमुख बिंदु

  • इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन किया जाएगा ताकि यह निर्दिष्ट किया जा सके कि कानून उन शर्तों को निर्धारित करता है जिनके द्वारा महिलाओं को गर्भपात का सहारा लेने की स्वतंत्रता की गारंटी दी जाती है।
  • संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले फ्रांस के किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने गर्भपात के अधिकार पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया है। जिसे 1975 में अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया था। 
  • संविधान में गर्भपात के अधिकारों को मंजूरी देने के लिए पेश किए गए प्रस्ताव का उद्देश्य फ्रांसीसी कानूनी ढांचे के भीतर गर्भपात के अधिकारों को मजबूत करना है।
  • गौरतलब है कि  गर्भपात फ्रांस में 1975 से ही वैध है और गर्भावस्था के पहले 10 हफ्तों में इसे वैध बताया था।

अन्य देशों में गर्भपात की स्थिति

  • फ्रांसीसी सरकार के अनुसार गर्भपात के अधिकार को पूर्ण संवैधानिक संरक्षण की जरूरत है क्योंकि अमेरिका, पौलेंड और हंगरी जैसे देशों में गर्भपात के कानून को समाप्त किए जाने का प्रयास किया जा रहा है ।
  • अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1973 के रो वी वेड’ केस में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय को  पलटते हुए गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया है। अब अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने नियम-कानून बना सकते हैं।
  • ऐसा कर कोर्ट ने अपने ही पांच दशक पुराने उस ऐतिहासिक फैसले को बदल दिया है जहां पर महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी दर्जा दिया गया था।
  • वहीं यूरोप भी गर्भपात को कम करने का प्रयास कर रहा है। विशेष रूप से, पोलैंड में 2020 के एक अदालत के फैसले के परिणामस्वरूप उस देश में गर्भपात पर लगभग पूर्ण प्रतिबंध लग गया।
  • वहाँ  गर्भावस्था के पहले 10 हफ्तों में इसे वैध बताया गया था। पिछले कुछ वर्षों में, समय सीमा को 14 सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है, प्रक्रिया की लागत को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा प्रणाली द्वारा कवर किया गया है।
  • पोलिश संवैधानिक अदालत ने 2020 में फैसला सुनाया कि महिलाएं अब डाउन सिंड्रोम सहित गंभीर भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भधारण को समाप्त नहीं कर सकती हैं।

भारत में गर्भपात की स्थिति

  • भारत में गर्भपात को लेकर साल 1971 का मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट लागू है।
  • कुछ विशेष परिस्थितियों में 20 हफ्ते तक के गर्भ को गिराने की इसकी अनुमति है ।
  • इस कानून के मुताबिक एक रजिस्टर्ड डॉक्टर गर्भपात कर सकता है।
  • लेकिन इसके लिए कुछ परिस्थितियां तय की गई हैं यथा ; यदि गर्भवती महिला की सेहत को खतरा हो या भ्रूण के गंभीर मानसिक तौर से पीड़ित होने की आशंका हो या प्रसव होने पर शारीरिक असामान्यताएं हो सकती हों, तब जाकर गर्भपात की अनुमति मिलती है।
  • वर्ष 2021 में इस कानून में संशोधन किया गया और इस अवधि को 24 हफ्ते तक बढ़ा दिया गया है। 
  • हालांकि इसके लिए बलात्कार, एक ही परिवार के सदस्यों के बीच अवैध संबंध, नाबालिग, मानसिक या शारीरिक तौर पर बीमार महिलाओं को ही इजाजत है।
  • इस अधिकार के साथ यह भी तय किया गया है कि इसके लिए दो रजिस्टर्ड डॉक्टरों की मंजूरी जरूरी होगी।
  • इसके अलावा भ्रूण में किसी तरह की विकलांगता या दूसरे समस्या होने पर गर्भपात की अनुमति मिल सकती है। इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है।
  • लेकिन इसके लिए राज्य सरकार के बनाए गए डॉक्टरों के विशेष मेडिकल बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है

गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाले अफ्रीकी एवं एशियाई देश 

  • वर्तमान में कुल 24 देशों में गर्भपात पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसमें सेनेगल, मौरितानिया, मिस्त्र जैसे अफ्रीकी देश शामिल हैं। इसके अलावा एशिया के फिलीपींस, सल्वाडोर, होंडूरास और लाओस जैसे देशों में भी गर्भपात प्रतिबंधित है।

परीक्षापयोगी तथ्य

फ्रांस

  • महाद्वीप :यूरोप
  • राजधानी: पेरिस
  • राष्ट्रपति: इमैनुएल मैक्रॉन
  • प्रधान मंत्री: गेब्रियल अटल
  • मुद्रा: यूरो
  • फ्रांसीसी जलवायु:भूमध्यसागरीय
  • प्रमुख फ्रांसीसी नदियाँ: सीन,रोन,लॉयर
  • प्रमुख फ्रांसीसी पर्वत : पूर्व में आल्प्स एवं दक्षिण में पाइरेनीज़

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