लोकसभा चुनाव 2024 एवं भारत में मतदान
 
  • Mobile Menu
HOME
LOG IN SIGN UP

Sign-Up IcanDon't Have an Account?


SIGN UP

 

Login Icon

Have an Account?


LOG IN
 

or
By clicking on Register, you are agreeing to our Terms & Conditions.
 
 
 

or
 
 




लोकसभा चुनाव 2024 एवं भारत में मतदान

Thu 29 Feb, 2024

सन्दर्भ

  • भारत में 18वीं लोकसभा के सदस्यों को चुनने के लिए आम चुनाव आगामी अप्रैल और मई के महीनों में होना तय किया गया है । 
  • एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के नेतृत्व वाले 17वें लोकसभा सत्र का आधिकारिक कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त होने के साथ, सभी राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव अभियान शुरू कर दिए हैं।

पृष्ठभूमि

  •  2019 में 17वीं लोकसभा के लिए चुनाव हुए, जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की भारी जीत हुई, जिसने 543 में से 353 सीटें जीतीं।
  • बीजेपी ने कुल 303 सीटें जीतीं, जो बहुमत के लिए जरूरी सीटों की संख्या 272 से 31 ज्यादा थी।

आम चुनाव 2024 में पात्र मतदाता

  • ईसीआई के अनुसार, 2019 के आम चुनावों के दौरान, भारत में मेगा चुनावों के लिए कुल 90 करोड़ पात्र मतदाता थे, जिसमें लगभग 15 मिलियन पहली बार मतदाता थे। 
  • विशेष रूप से, आम चुनाव 2024 की रिपोर्टों के अनुसार, मतदाताओं की आधिकारिक संख्या में 6 करोड़ की उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा सकती है, जिससे पात्र मतदाताओं की आधिकारिक संख्या 90 करोड़ से बढ़कर 96 करोड़ हो जाएगी।

भारत में मतदान का प्रतिशत

  • वर्ष 2009 में मतदान प्रतिशत 58% रहा था, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 66.4% और वर्ष 2019 में 67.6% हो गया। 
  • ECI अब इसे 70% से आगे ले जाने की उम्मीद कर रहा है।

मतदान का प्रतिशत बढ़ाने हेतु निर्वाचन आयोग के प्रयास 

  • स्वीप कार्यक्रम (2009)
  • निर्वाचन आयोग की टर्नआउट कार्यान्वयन योजना (TIP)

भारत में कुल मतदान बढ़ाने के मार्ग में आने वाली बाधाएँ 

  • मतदाताओं की उदासीनता
  • जागरूकता और साक्षरता की कमी
  • सुरक्षा संबंधी चिंताएँ
  • प्रवासन
  • लॉजिस्टिक्स संबंधी चुनौतियाँ

कुल मतदान प्रतिशतता बढ़ने के लाभ

  • सरकार की वैधता में वृद्धि
  • सरकार की जवाबदेही में वृद्धि
  • राजनीतिक स्थिरता
  • नागरिक संलग्नता में वृद्धि
  • विविधतापूर्ण प्रतिनिधित्व

भारत में कुल मतदान बढ़ाने के लिये उठाए गये कदम

  • मतदाता शिक्षा
  • मतदाता सूची का पुनरीक्षण
  • जवाबदेही को बढ़ावा देना
  • मतदान की अभिगम्यता और सुगमता
  • रिमोट वोटिंग को लागू करना

लोकसभा

  • यह निचला सदन है और समग्र रूप से भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।

संरचना 

  • अधिकतम संख्या -550 
  • 530 सदस्य- राज्यों के प्रतिनिधि 
  • 20 सदस्य-  केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि 
  • वर्तमान में लोकसभा में कुल सदस्य संख्या- 543 
  • 530 सदस्य -राज्यों का प्रतिनिधित्व
  •  13 सदस्य- केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व 

प्रतिनिधियों का चुनाव

  •  राज्यों के प्रतिनिधि सीधे राज्यों के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों द्वारा चुने जाते हैं।
  • केंद्रशासित प्रदेश (लोगों के सदन का प्रत्यक्ष चुनाव) अधिनियम, 1965 के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेशों में लोकसभा के सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है।

 कार्य

  • लोकसभा के सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में से एक कार्यपालिका का चयन करना है, व्यक्तियों का एक समूह जो संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करने के लिये मिलकर कार्य करता है।

लोकसभा का कार्यकाल

  • लोकसभा का सामान्य कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। लेकिन राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद की सलाह पर पाँच साल की समाप्ति से पहले इसे भंग किया जा सकता है।

परीक्षापयोगी तथ्य

निर्वाचन आयोग

  • भारत निर्वाचन आयोग  एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्थान है ।
  • भारतीय निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गयी थी।
  • अनुच्छेद 324 के अनुसार संसद ,राज्य विधानमंडल ,राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के निर्वाचन के लिए निर्वाचन आयोग का गठन किया जाता है।
  • चुनाव आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होता है।
  • राज्यों में होने वाले पंचायत चुनाव व निगम चुनावों से निर्वाचन आयोग का कोई सम्बन्ध नहीं है । इन चुनावों का आयोजन सम्बंधित राज्य के चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है ।

नियुक्ति -

  •  राष्ट्रपति द्वारा की जाती है ।

संरचना -

  • एक मुख्य आयुक्त एवं 2 अन्य आयुक्त ।

कार्यकाल-

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक , जो पहले हो ।
  • वहीं अन्य चुनाव आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष या आयु 62 साल, जो पहले हो ।

पदमुक्ति - 

  • मुख्य निर्वाचन आयुक्त को उन्हीं रीति एवं आधारों पर हटाया जा सकता है ,जिस रीति एवं आधारों पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाया जाता है ,अन्यथा नहीं ।
  • वह स्वयं त्यागपत्र देकर पदमुक्त हो सकता है ।

नोट

  • भारत के प्रथम मुख्य निर्वाचन आयुक्त - सुकुमार सेन ।
  • प्रथम महिला मुख्य चुनाव आयुक्त  -वी॰ एस॰ रमादेवी। 
  • वर्तमान मुख्य निर्वाचन आयुक्‍त  -श्री राजीव कुमार 

Latest Courses