20 November, 2024
नए लोकपाल की नियुक्ति
Wed 28 Feb, 2024
सन्दर्भ
- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश एएम खानविलकर को देश का नया लोकपाल नियुक्त किया गया है।
पृष्ठभूमि
- इससे पूर्व न्यायमूर्ति श्री पिनाकी चंद्र घोष को भारत के लोकपाल का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 23 मार्च, 2019 को उन्हें पद की शपथ दिलाई गयी थी ।
- बाद में, चार न्यायिक सदस्यों और चार अन्य सदस्यों को अध्यक्ष द्वारा 27 मार्च, 2019 को पद की शपथ दिलाई गई थी ।
- गौरतलब है कि न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष ने 27 मई, 2022 को अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था । उसके पश्चात से यह संस्था अपने नियमित प्रमुख के बिना काम कर रही थी ।
- लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती वर्तमान में कार्यवाहक अध्यक्ष हैं।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी अधिसूचना में लोकपाल के अन्य प्रमुख सदस्यों की नियुक्ति की भी घोषणा की गई।
- न्यायमूर्ति खानविलकर के साथ न्यायिक सदस्य के रूप में न्यायमूर्ति लिंगप्पा नारायण स्वामी, न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी शामिल हैं।
- वहीं गैर न्यायिक सदस्यों में सुशील चंद्रा, पंकज कुमार और अजय तिर्की शामिल हैं।
लोकपाल
- लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के द्वारा संघ (केंद्र) के लिये लोकपाल और राज्यों के लिये लोकायुक्त संस्था की व्यवस्था की गयी ।
- ये संस्थाएँ बिना किसी संवैधानिक दर्जे वाले वैधानिक निकाय हैं।
- ये Ombudsman का कार्य करते हैं और कुछ निश्चित श्रेणी के सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच करते हैं।
लोकपाल के नियुक्ति की प्रक्रिया एवं सदस्य संख्या
- लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सिफारिशों के बाद राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- लोकपाल के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या फिर दूसरे पूर्व जज में से कोई हो सकता है।
- लोकपाल में कुल आठ सदस्य हो सकते हैं, इन 8 सदस्यों में से 4 न्यायिक सदस्य होते हैं और 4 ऐसे व्यक्ति होते हैं जिनकी सत्यनिष्ठा पर कोई प्रश्नचिन्ह न खड़ा किया गया हो।
- इसके अलावा इन चारों सदस्यों के पास भ्रष्टाचार-विरोधी नीति, सार्वजनिक प्रशासन, सतर्कता, वित्त (बीमा और बैंकिंग), कानून और प्रबंधन में कम से कम 25 वर्ष की विशेषज्ञता का प्रावधान है।
कार्यकाल
- लोकपाल अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक होता है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर
- मई 2016 से जुलाई 2022 तक सुप्रीम कोर्ट बेंच में जस्टिस खानविलकर जी का कार्यकाल रहा।
- सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश, समलैंगिकता को अपराधमुक्त करने और आधार की वैधता,कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (2018), धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की संवैधानिक वैधता आदि मामले में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत होने से पहले, न्यायमूर्ति खानविलकर ने मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश और बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया।
परीक्षापयोगी तथ्य
भ्रष्टाचार के विरुद्ध राष्ट्रीय स्तर पर गठित तीन प्रमुख संस्थान:
लोकपाल से जुड़े अन्य तथ्य
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