12 November, 2024
एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (A-SAT)
Mon 19 Feb, 2024
- हाल की खबरों के अनुसार, रूस सक्रिय रूप से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक नए विकास की दिशा में काम कर रहा है, जो एक परमाणु एंटी-सैटेलाइट (Anti-satellite (ASAT) हथियार बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो बाह्य अंतरिक्ष संधि (Outer Space Treaty-OST) का उल्लंघन कर सकता है।
पृष्ठभूमि
- ASAT का उपयोग निष्क्रिय उपग्रहों को हटाने और देश की ASAT क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए किया गया है।
- तत्कालीन सोवियत संघ के रूप में रूस वर्ष 1968 से ही ASAT क्षमता युक्त देश हैं।
- वर्ष 1962 में स्टारफिश प्राइम नामक एक उच्च ऊंचाई वाले परीक्षण में, अमेरिका ने जमीन से 400 किमी ऊपर एक थर्मोन्यूक्लियर बम विस्फोट किया। यह अंतरिक्ष में किया गया सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण है।
- सोवियत संघ ने भी उस समय समान प्रभाव वाले ऐसे परीक्षण किए थे।
- ऐसे कई देश हैं जिनके पास यह क्षमता है, लेकिन केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन और भारत ने ही अपनी ASAT क्षमताओं का प्रदर्शन किया है।
ASAT के बारे में
- एंटी-सैटेलाइट (ASAT) हथियार उन उपग्रहों को निष्क्रिय करने और/या नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जो पहले से ही कक्षा में स्थित और सक्रिय हैं।
- उपयोग की गई गतिज ऊर्जा (Kinetic energy) के आधार पर ASAT को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: -
- गतिज ऊर्जा विधियाँ (Kinetic energy methods): इसमें एक मिसाइल लॉन्च करना शामिल है जो लक्ष्य उपग्रह को रोकती है और उसे नष्ट करने के लिए भौतिक रूप से उससे टकराती है। गतिज ऊर्जा ASAT भौतिक रूप से उपग्रहों से टकराते हैं और ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं। ये ASAT बैलिस्टिक मिसाइल, ड्रोन और अन्य उपग्रह हो सकते हैं।
- गतिज ऊर्जा विधियाँ (Non-kinetic methods): वे उपग्रहों को भौतिक रूप से नष्ट किए बिना अक्षम करने के लिए गैर-भौतिक हमलों जैसे साइबर हमले, जैमिंग और यहां तक कि लेजर का उपयोग करते हैं।
- अन्य ASAT क्षमताओं में अंतरिक्ष प्रणालियों पर साइबर हमले, इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक पल्स (Electro-Magnetic Pulse-EMP) विस्फोट उपकरण, निर्देशित ऊर्जा (laser आधारित) हथियार और दुश्मन के सैन्य अभियानों को नष्ट करने के लिए उपग्रहों को नष्ट करने के लिए लक्षित मिसाइलें शामिल हैं।
वाह़य अंतरिक्ष (Outer space)
- बाह्य अंतरिक्ष (अंतरिक्ष) में आकाशीय पिंडों के वायुमंडल के बाहर ब्रह्मांड के अपेक्षाकृत रिक्त क्षेत्र शामिल होते हैं।
- बाह्य अंतरिक्ष की विशेषता अत्यंत कम घनत्व और दबाव, साथ ही हवा और अन्य वायुमंडलीय तत्वों की अनुपस्थिति है।
बाह्य अंतरिक्ष पर संधियाँ
- निम्नलिखित संधियाँ हैं जिन पर भारत एक हस्ताक्षरकर्ता है और चंद्रमा समझौता 1979 भारत द्वारा अनुसमर्थित नहीं है।
- बाह्य अंतरिक्ष संधि 1967 (The Outer Space Treaty 1967): चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों सहित बाह्य अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में राज्यों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों पर संधि।
- बचाव समझौता 1968 (Rescue Agreement 1968): अंतरिक्ष यात्रियों के बचाव, अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी और बाहरी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित वस्तुओं की वापसी पर समझौता।
- दायित्व कन्वेंशन 1972 (Liability Convention 1972): अंतरिक्ष वस्तुओं से होने वाले नुकसान के लिए अंतर्राष्ट्रीय दायित्व पर कन्वेंशन।
- पंजीकरण कन्वेंशन 1976 (The Registration Convention 1976): बाह्य अंतरिक्ष में प्रक्षेपित वस्तुओं के पंजीकरण पर कन्वेंशन।
- चंद्रमा समझौता 1979 (The Moon Agreement 1979:): चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों पर राज्यों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाला समझौता।