01 December, 2024
सीएमएस :कॉप 14
Fri 16 Feb, 2024
सन्दर्भ
- हाल ही में जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (CMS COP14) की 14वीं बैठक का आयोजन उज्बेकिस्तान के समरकंद में किया गया।
- इस बैठक में सीएमएस द्वारा प्रथम बार ‘विश्व की प्रवासी प्रजातियों की स्थिति‘ रिपोर्ट जारी किया गया।
प्रमुख बिंदु
- यह रिपोर्ट बर्डलाइफ इंटरनेशनल, आईयूसीएन एवं लिविंग प्लैनेट इंडेक्स ,वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर जैसे संस्थानों से के सहयोग से प्राप्त प्रजाति संबंधी आँकड़ों का प्रयोग करती है।
- इस रिपोर्ट में मानवजनित दबाव के कारण लाखों प्रवासी पशु प्रजातियाँ खतरे में हैं। उदाहरण- मानवजनित गतिविधियों के कारण मोनार्क तितलियों के विलुप्त होने का खतरा है।
- सीएमएस के अंतर्गत सूचीबद्ध 97% प्रवासी मछलियों के विलुप्त होने का भी खतरा है।
- इसके अलावा सीएमएस के अंतर्गत सूचीबद्ध प्रजातियों में से 44 प्रतिशत प्रजातियों की संख्या में गिरावट हो रही है।
प्रवासी प्रजातियों में गिरावट के कारण
- पर्यावास हानि, क्षरण और विखंडन
- अत्यधिक दोहन
- प्रदूषण
- जलवायु परिवर्तन
- कृषि और कीटनाशकों का उपयोग
निष्कर्ष
- इस बैठक में अफ्रीकी-यूरेशियाई क्षेत्र में प्रवासी लैंडबर्ड प्रजातियों की संरक्षण स्थिति में सुधार के लिए एक कार्य योजना को अपनाया गया।
- इसमें गिद्धों के लिए 12-वर्षीय बहु-प्रजाति कार्य योजना को अपनाना भी शामिल था।
जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों का संरक्षण(CMS)
- यूएन की एक पर्यावरण संधि
- यह सन्धि वर्ष 1979 में लागू हुई।
- इसे ‘बॉन कन्वेंशन’ के नाम से भी जाना जाता है।
- इसका उद्देश्य विश्व भर में स्थलीय, जलीय और पक्षी प्रवासी प्रजातियों और उनके आवासों की संरक्षण आवश्यकताओं को संबोधित करना है।
- इसके अंतर्गत अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका, एशिया, यूरोप और ओशिनिया के 133 पक्षकार शामिल हैं।
- भारत भी वर्ष 1983 से सीएमएस का एक पक्षकार है।
परीक्षापयोगी तथ्य
- सीएमएस सीओपी 14
- निर्णय लेने वाला निकाय
- स्लोगन: ‘प्रकृति कोई सीमा नहीं जानती’।
- प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार बैठक होती है।
- सीएमएस सीओपी-14 मध्य एशिया में आयोजित होने वाली किसी भी वैश्विक पर्यावरण संधि से संबंधित पहला COP है, जो सैगा एंटेलोप, स्नो लेपर्ड और प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियों सहित कई प्रवासी प्रजातियों का घर है।
सीएमएस सीओपी 13
- आयोजन - फरवरी 2020 में गांधीनगर, भारत में ।
- सम्मेलन का निष्कर्ष : गांधीनगर घोषणा
- शुभंकर: ‘गिबी-द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड‘।