01 December, 2024
गुप्तेश्वर वन : नया जैव विविधता विरासत स्थल
Wed 14 Feb, 2024
सन्दर्भ
- ओडिशा में कोरापुट जिले के जयपोर गुप्तेश्वर शिव मंदिर के पास स्थित गुप्तेश्वर वन को उड़ीसा के चौथे जैव-विविधता विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया है।
पृष्ठभूमि
- इस घोषणा के साथ राज्य में अब चार जैव विविधता विरासत स्थल हो गए हैं।
- अन्य तीन में कंधमाला जिले में मंदसरू,गजपति जिले में महेंद्रगिरि और बारगढ़ और बोलांगीर जिले में गंधमर्दन जैव विविधता स्थल शामिल है।
प्रमुख बिंदु
- गुप्तेश्वर वनस्थल 350 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
- स्थानीय समुदाय द्वारा पारंपरिक रूप से पूजे जाने वाले पवित्र वृक्ष ग्रोव के साथ-साथ यह स्थल विविध प्रकार के वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है।
- ओडिशा जैव विविधता बोर्ड द्वारा आयोजित जैव विविधता सूची और सर्वेक्षण में स्तनधारियों की 28 प्रजातियों, पक्षियों की 188, उभयचरों की 18,सरीसृपों की 48, मछलियों की 45,तितलियों की 141 प्रजातियों सहित कम से कम 608 पशु प्रजातियों के अस्तित्व में होने की जानकारी प्राप्त हुई है।
- इस वन में मगरमच्छ कांगेर वैली रॉक गेको, सेक्रेड ग्रोव बुश फ्रॉग और एविफुना जैसे ब्लैक बाजा, जेर्डन बाजा, मालाबेर ट्रोगोन, कॉमन हिल मैना,व्हाइट-बेलिड वुडपेकर, बैंडेड बे कोयल आदि जैसी महत्वपूर्ण जीव-जंतु की प्रजातियां विद्यमान है।
- गुप्तेश्वर की चूना पत्थर की गुफाएँ दक्षिणी ओडिशा में पाई जाने वाली चमगादड़ों की कुल सोलह प्रजातियों में से आठ प्रजातियों से समृद्ध हैं।
- इनमें से दो प्रजातियाँ गैलेरिटस और राइनोलोफस रौक्सी आयूसीएन की सूची में संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल हैं।
- इस वन में फूलों की भी विविधता है जिसमें 182 प्रजातियाँ, जड़ी-बूटियों की 177 प्रजातियाँ,ऑर्किड की 14 प्रजातियाँ और भारतीय तुरही पेड़, भारतीय स्नैकरूट, क्यूम्बी गम पेड़, लहसुन जैसे औषधीय पौधे भी शामिल हैं।
जैव विविधिता विरासत स्थल घोषित होने के लाभ
- गुप्तेश्वर को जैव विविधिता विरासत स्थल घोषित करने से जहां इस जंगल के प्रति लोगों का सांस्कृतिक लगाव बढ़ेगा वहीं इसकी बहुमूल्य जैव विविधता का संरक्षण भी होगा।
- यह वन पर्यावरण-पर्यटन और लघु वन उपज के जरिये लोगों के आजीविका में मदद करेगा।
परीक्षापयोगी तथ्य
ओडिशा
- राजधानी:भुवनेश्वर
- मुख्यमंत्री: नवीन पटनायक
- राज्यपाल:रघुबर दास
ओडिशा के अन्य प्रमुख संरक्षित क्षेत्र
- भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान
- बदरमा वन्यजीव अभयारण्य
- चिल्का (नलबण) वन्यजीव अभयारण्य
- हदगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- बैसीपल्ली वन्यजीव अभयारण्य
- कोटगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- नंदनकानन वन्यजीव अभयारण्य
- लखारी घाटी वन्यजीव अभयारण्य
- गहिरमाथा (समुद्री) वन्यजीव अभयारण्य
- सिमलीपाल बायोस्फीयर रिजर्व