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अंतरिक्ष यान आदित्य एल -1 लैंडिंग के करीब

Sun 24 Dec, 2023

सन्दर्भ

  • भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार भारत के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 लैग्रेंजियन पॉइंट (एल1) पर 6 जनवरी, 2024 को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया जाएगा। 

 आदित्य एल -1 मिशन : पृष्ठभूमि 

  • इसरो ने देश का पहला सौर मिशन - आदित्य-एल1, 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा में धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया था, जो अपने सफल लैंडिग के बहुत करीब है।
  • आदित्य एल- 1 को सूर्य एवं पृथ्वी के बीच स्थित एल-1 लग्रांज/लेग्रांजी बिंदु के निकट स्थापित किया जाएगा।
  • इस मिशन को PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया है।
  • अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1’ सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है।

प्रमुख बिंदु

  • आदित्य एल 1 में लगे दो अत्याधुनिक उपकरणों सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर  (STEPS) ने अपना काम शुरू कर दिया है । 
  • स्विस द्वारा खींचे गए फोटो में प्रोटॉन और अल्फा कण गणना में ऊर्जा भिन्नता के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। 
  • आदित्य-एल1 में लगे स्पेक्ट्रोमीटर ने 29 अक्टूबर, 2023 को सौर ज्वालाओं के आवेग को आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान ने पहली सौर ज्वालाओं को रिकार्ड किया।

अंतरिक्षयान आदित्य एल1 के लाभ 

  • यह अंतरिक्ष यान सौर विस्फोट की घटनाओं के कारणों का पता लगाएगा।
  • गौरतलब है कि सौर ज्वाला अचानक होने वाली घटना है। 
  • सौर ज्वाला की स्थित में विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में रेडियो, ऑप्टिकल, यूवी, सॉफ्ट एक्स-रे, हार्ड एक्स-रे और गामा-रे तरंगदैर्ध्य  किरणें बढ़े हुए ऊर्जा का उत्पादन करते हैं।
  • हालांकि आदित्य-एल1  मिशन न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही सूर्य के करीब आएगा। यह रणनीतिक स्थान लैग्रेंजियन पॉइंट पर आदित्य-एल1 को बाधित हुए बिना लगातार सूर्य का निरीक्षण करने में सक्षम बनाएगा, जिससे वैज्ञानिकों को वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव का आकलन करने की में मदद मिलेगी। 
  • अंतरिक्षयान आदित्य एल1 उन महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं की पहचान करने में मदद करेगा जो सौर विस्फोट की घटनाओं को जन्म देती हैं।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

लैग्रेंजियन पॉइंट-1

  • L1 का अर्थ ‘लैग्रेंजियन/‘लैग्रेंज पॉइंट-1’ से है, जो पृथ्वी-सूर्य प्रणाली के ऑर्बिट में स्थित पाँच बिंदुओं में से एक है। 
  • लैग्रेंजियन पॉइंट-1’ पर स्थित कोई उपग्रह अपनी विशिष्ट स्थिति के कारण ग्रहण अथवा ऐसी ही किसी अन्य बाधा के बावजूद सूर्य को लगातार देखने में सक्षम होता है। 

इसरो 

  • संस्थापक: विक्रम साराभाई
  • मुख्यालय: बेंगलुरू, कर्नाटक
  • वर्तमान अध्यक्ष: श्री एस. सोमनाथ

सूर्य के अध्ययन के लिए अन्य मिशन:

  •  पार्कर सोलर प्रोब(NASA)
  • हेलियोस 2 सोलर प्रोब(NASA,ESA)
  • सोलर ऑर्बिटर(NASA,ESA)

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