20 November, 2024
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट
Thu 16 Nov, 2023
सन्दर्भ
- वैश्विक विकास से उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा करने और वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन से पहले दुनिया को और अधिक समावेशी, प्रगतिशील विश्व व्यवस्था बनाने के लिए भारत द्वारा 17 नवंबर को नई दिल्ली में दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2022 के जनवरी माह में पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की भांति, इस वर्ष भी दूसरे सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा।
- इस पहल के द्वारा ग्लोबल साउथ के 125 देशों को अपने दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को साझा करने के लिए एक मंच पर एक साथ लाया जा रहा है।
- वर्तमान में भारत ने दुनिया मेंं खुद को ग्लोबल साउथ के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत किया है, जी 20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने इस बात पर बल दिया है कि विकासशील देशों की समस्याओं को पहचाना जाए और उनकी प्राथमिकताओं को वैश्विक चुनौतियों को शामिल किया जाए ताकि विकासशील देशों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
- दूसरा वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन भारत की दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह की अध्यक्षता के दौरान विभिन्न जी-20 बैठकों में हासिल किए गए प्रमुख परिणामों को ग्लोबल साउथ के देशों के साथ साझा करने पर केंद्रित होगा।
- इस शिखर सम्मेलन में कुल 10 सत्र आयोजित किये जायेंगे।
- उद्घाटन सत्र का विषय "एक साथ, सभी के विकास के लिए, सभी के विश्वास के साथ" है।
- जबकि समापन सत्र का विषय "ग्लोबल साउथ: एक भविष्य के लिए एक साथ" रखा गया है।
- ग्लोबल साउथ के बारे में
- ‘ग्लोबल नॉर्थ’ एवं ग्लोबल साउथ को क्रमशः अमीर और गरीब देशों के रूप में एक आर्थिक विभाजन द्वारा परिभाषित किया गया है ।
- ग्लोबल साउथ के अंतर्गत अधिकांशतः एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों को सम्मिलित किया जाता है ।
- यह क्षेत्र एक बड़ी आबादी, समृद्ध संस्कृतियों और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है।
- वहीं दूसरी तरफ ‘ग्लोबल नॉर्थ’ के अंतर्गत अमेरिका, कनाडा, यूरोप, रूस, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड जैसे देशों को संदर्भित किया जाता है।
परीक्षापयोगी तथ्य
जी 20 + 1
- स्थापना - 1999 में
- राज्य के प्रमुखों का शिखर सम्मेलन- 2008
- सिद्धांत - एक पृथ्वी ,एक परिवार ,एक भविष्य (वसुधैव कुटुम्बकम् )
- सदस्यता - 20 देश + 1 संगठन
- सदस्य देश - अर्जेंटीना,ऑस्ट्रेलिया,ब्राज़ील,
- कनाडा ,चीन,यूरोपियन यूनियन,फ्रांस
- जर्मनी ,भारत,इण्डोनेशिया, इटली
- जापान , मेक्सिको, रूस ,सउदी अरब
- दक्षिण अफ्रीका ,दक्षिण कोरिया
- तुर्की ,ब्रिटेन ,संयुक्त राज्य अमेरिका एवं अफ्रीकन यूनियन ।