01 May, 2025
सिक्किम की बाढ़ -
Sat 07 Oct, 2023
सन्दर्भ -
- भारत के पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम के चुंगथांग में आई बाढ़ बहुत तेजी से अन्य जिलों में फैल गई है।
- यह बाढ़ उत्तरी सिक्किम में दक्षिण ल्होनक झील में ग्लेसियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) के कारण आई।
- इसके कारण कई लोगों की जाने गईं एवं सार्वजनिक संपत्ति और बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान हुआ यथा ; तीस्ता नदी पर बने 1200 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले चुंगथांग बांध टूट गया है , जिसकी निवेश लागत क़रीब 25 हजार करोड़ रुपए है।
पृष्ठभूमि -
- उत्तरी सिक्किम का यह प्रभावित इलाका भारत-नेपाल सीमा के समीप स्थित है। भौगोलिक तौर पर इस जगह को संवेदनशील बताया जाता रहा है।
- वर्ष 2021 में हुआ अध्ययन जर्नल ‘जियोमोर्फोलाजी’ में प्रकाशित हुआ था। इसमें रेखांकित किया गया था कि दक्षिण ल्होनक झील का स्तर हिमनद के पिघलने की वजह से बीते एक दशक में खासा बढ़ा है और हिमनद झील के फटने से बाढ़ (जीएलओएफ) का खतरा बढ़ गया है।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की और भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलुरू के शोधार्थियों ने पाया है कि ये झीलें मुख्यतः सुदूर और पर्वतीय घाटियों में स्थित हैं लेकिन निचले बहाव क्षेत्र में 10 किलोमीटर तक जान और माल का नुकसान कर सकती हैं।
जीएलोएफ (GLOF) -
- ग्लेसियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड यानी हिमनद झील के फटने की मुख्य वजह मोराइन बांध की कमजोर सरंचना होती है।
- मोराइन दरअसल ग्लेशियर की सतह पर गिरी धूल और मिट्टी का जमाव होता है जो एक बांध की तरह काम करता है, जिसमें पानी एकत्र होता रहता है।
- जब यह टूटता है तो अचानक निचले इलाकों में तेजी से बाढ़ आ जाती है।
कारण:
- GLOF कई कारणों से शुरू हो सकता है, जिनमें भूकंप, अत्यधिक भारी बारिश और बर्फीले हिमस्खलन आदि शामिल हैं ।
भारत में हाल की अन्य GLOF घटनाएँ:
- जून 2013 में उत्तराखंड में असामान्य मात्रा में वर्षा से ग्लेशियर पिघल गया और मंदाकिनी नदी में विस्फोट हुआ।
- अगस्त 2014 में लद्दाख के ग्या गाँव में हिमानी झील से आई बाढ़।
- फरवरी 2021 में उत्तराखंड के उत्तराखंड के चमोली ज़िले में अचानक आने वाली बाढ़ का कारण GLOFs को माना गया।
परीक्षा उपयोगी महत्पूर्ण तथ्य:
सिक्किम -
- राजधानी: गंगटोक
- मुख्यमंत्री: प्रेम सिंह तमांग
- संघ में प्रवेश: 16 मई 1975
- सिक्किम राज्य की सीमा
- उत्तर और उत्तर-पूर्व में: चीन का तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से,
- दक्षिण-पूर्व में: भूटान से,
- दक्षिण में : पश्चिम बंगाल से,
- पश्चिम में: नेपाल से लगती है।
चुंगथांग हाइड्रो-बांध -
- यह बांध तीस्ता ऊर्जा द्वारा विकसित 1200 मेगावाट मेगा तीस्ता चरण III जलविद्युत परियोजना का एक अभिन्न अंग है।
- 817 मीटर के ग्रॉस हेड और 778 मीटर के नेट हेड के साथ, यह बिजली उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।