28 May, 2025
बिहार जाति आधारित गणना की रिपोर्ट
Thu 05 Oct, 2023
संदर्भ:
- 2 अक्टूबर ,2023 को जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं।
- इस रिपोर्ट के अनुसार अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBCs) और अन्य पिछड़ा वर्ग (obc) मिलकर राज्य के 13 करोड़ की आबादी का लगभग 63% हैं।
- गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल ने 18 फरवरी 2019 को राज्य में जाति आधारित जनगणना (सर्वे) कराने का प्रस्ताव पारित किया था।
पृष्ठभूमि -
- बिहार विधानमंडल ने सर्वसम्मति से दो बार जाति जनगणना पर सहमति व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया - प्रथमतया 18 फरवरी, 2019 को और ततपश्चात 27 फरवरी, 2020 को ।
- 23 अगस्त, 2021 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए दिल्ली गया और उनसे देश में जाति जनगणना कराने का आग्रह किया।
- हालाँकि, जब केंद्र सरकार ने बाद में लोकसभा में कहा कि नीति के तहत उसने जाति-वार जनगणना नहीं करने का निर्णय लिया है, तो बिहार सरकार ने जून, 2022 में राज्य में अपने दम पर जाति सर्वेक्षण करने के लिए अधिसूचना जारी की।
- ततपश्चात इस सर्वे के लिए अपनी आकस्मिक निधि से ₹ 500 करोड़ आवंटित किए।
- दो चरणों की गणना प्रक्रिया इस साल अगस्त में पूरी हुई, जिसमें लगभग 2.64 लाख प्रगणकों ने 29 मिलियन पंजीकृत परिवारों का विवरण दर्ज किया।
- सर्वेक्षण प्रपत्र में उल्लिखित सभी 214 जातियों को अलग-अलग व्यक्तिगत कोड आवंटित किए गए थे और जनसंख्या की सामाजिक-आर्थिक प्रोफ़ाइल का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण को 17 बिंदुओं में विभाजित किया गया था।
सर्वेक्षण के परिणाम -
- रिपोर्ट के अनुसार अति पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत, अत्यन्त पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत और अनारक्षित यानी सवर्ण 15.52 प्रतिशत हैं।
- उक्त जातिगत सर्वे के माध्यम से बिहार की आबादी का धार्मिक आधार भी ज्ञात हुआ है यथा ;
- बिहार में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग कुल आबादी के 81.9% हैं ।
- वहीं मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग कुल आबादी का 17.7% हैं।
- इसके साथ ही ईसाई 0.05 प्रतिशत, बौद्ध 0.08 प्रतिशत, जैन 0.009 प्रतिशत हैं ।
- इसके अलावा 2146 लोग ऐसे भी हैं जो किसी धर्म को नहीं मानते।
जातिगत जनगणना का इतिहास-
- वर्ष 1931 तक भारत में जातिगत जनगणना का अस्तित्व था।
- वर्ष 1941 में जनगणना के समय जाति आधारित डेटा का संकलन किया गया किंतु इसे प्रकाशित नहीं किया गया।
- वर्ष 1951 से 2011 तक की जनगणना में
- एससी एवं एसटी का आंकड़ा दिया गया किंतु अन्य जातियों का आंकड़ा प्रस्तुत नहीं किया गया।
- 2011 में SECC अर्थात सामाजिक -आर्थिक जातिगत जनगणना आधारित आंकड़ा संकलित किया गया एवं इसकी जिम्मेदारी ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय को सौंपी गई।
- वहीं वर्ष 2016 में जातिगत आँकड़े प्रकाशित नहीं हुए।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
बिहार
- गठन : 22 मार्च, 1912
- राजधानी : पटना
- मुख्यमंत्री : नीतीश कुमार
- कुल ज़िले : 38
- उच्च न्यायालय : पटना
- सबसे पश्चिमी ज़िला : कैमूर
- प्रमुख वन प्रकार
- -पर्णपाती