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"भारत-चीन सीमा विवाद और मानचित्र मुद्दा"

Wed 30 Aug, 2023

  • चीन ने हाल ही में 'स्टैंडर्ड मैप ऑफ चाइना' का 2023 संस्करण जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन चीन का हिस्सा हैं. भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

 कारण

  • स्पष्ट सीमांकन का अभाव: भारत और चीन के बीच की सीमा अपने पूरे भाग में स्पष्ट रूप से सीमांकित नहीं है और कुछ हिस्सों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कोई पारस्परिक सहमति भी नहीं है।

 पृष्ठभूमि

  • मैकमहोन रेखा भारत और तिब्बत के बीच सीमा रेखा है।
  • यह वर्ष 1914 में भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और तिब्बत के बीच शिमला समझौते के तहत अस्तित्व में आई थी।
  • 1937 में भारतीय सर्वेक्षण विभाग के एक मानचित्र में मैकमहोन रेखा को आधिकारिक भारतीय सीमा रेखा के रूप में दिखाया गया था।
  • चीन 1914 के शिमला समझौते को मानने से इनकार करता है, चीन के अनुसार तिब्बत स्वायत्त राज्य नहीं था और उसके पास किसी भी प्रकार के समझौते करने का कोई अधिकार नहीं था।
  •  वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद अस्तित्व में आया।
  • भारत-चीन सीमा को तीन सेक्टरों/क्षेत्रों में बाँटा गया है।
  • पश्चिमी क्षेत्र: लद्दाख
  • मध्य क्षेत्र: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड
  • पूर्वी क्षेत्र: अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम
  • यह एक प्रकार की युद्ध विराम रेखा है क्योंकि 1962 के भारत चीन युद्घ के बाद दोनों देशों की सेनाएँ जहाँ तैनात थी, उसे ही वास्तविक नियंत्रण रेखा मान लिया गया।

 परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • चीन
  • राजधानी :बीजिंग
  • मुद्रा:रॅन्मिन्बी(युआन)
  • राष्ट्रपति :शी जिनपिंग

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